
जयपुर। राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के बैनर तले प्रदेश की सभी 247 मंडियों के जींस कारोबारी हड़ताल पर हैं और मंडी में कारोबार ठप पड़ा हुआ है। व्यापारी संगठन ने 15 मई तक राज्य की सभी मंडियां बंद रखने का एलान किया है। राजस्थान खादय पदार्थ व्यापार संघ के अध्यक्ष बाबूलाल गुप्ता ने आईएएनएस को बताया, "प्रदेश सरकार द्वारा लगाई गई कृषक कल्याण फीस के विरोध में मंडियां बंद रखी गई हैं। सरकार ने मंडियों में कृषि उपजों के व्यापार पर दो फीसदी कृषक कल्याण फीस लगा दी है, जिससे प्रदेश की मंडियों में कारोबार पर असर पड़ेगा, इसलिए व्यापारी आढ़ती और किसान नई मंडी फीस का विरोध कर रहे हैं।"
उन्होंने कहा कि कृषि विपणन अधिनियम 1961 के अनुसार, एक फीस पहले से ही लागू है और सरकार ने अब यह दूसरी फीसदी लगा दी है।
बाबूलाल गुप्ता ने कहा कि 1.60 रुपए प्रति सैकड़ा फीस पहले से लागू है और अब दो फीसदी यानी दो रुपए प्रति सैकड़ा नई फीस लगने के बाद राजस्थान में मंडी फीस 3.60 रुपए प्रति सैकड़ा हो जाएगी, जिससे प्रदेश में व्यापार का नुकसान होगा।
उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश का जींस कारोबार गुजरात और दिल्ली को शिफ्ट होगा क्योंकि गुजरात में मंडी फीस महज 50 पैसे प्रति सैकड़ा है जबकि दिल्ली में ऐसी कोई मंडी फीस नहीं है।
राजस्थान कृषि उपज मंडी (संशोधन) अध्यादेश 2020 द्वारा राजस्थान कृषि उपज मंडी अधिनियम 1961 में संशोधन करते हुए इसके खंड 38 की धारा 17 में 71-क की नई धारा जोड़ी गई है जिसके तहत प्रदेश की मंडियों में खरीदी या बेची जाने वाली कृषि उपज पर कृषक कल्याण फीस ली जाएगी और संग्रहित फीस अधिनियम की धारा-19 के के तहत गठित कृषक कल्याण कोष में जमा होगी। (आईएएनएस)

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