बिजनेस को कैसे मोड़ दे सकते हैं आप - Agra Media

Breaking

मुख्य समाचार

शुक्रवार, 15 मई 2020

बिजनेस को कैसे मोड़ दे सकते हैं आप

How can you turn your business - Jaipur News in Hindi
ऐसा क्या किया इन्होने कि चल निकला

ईवेंट मैनेजमेंट कंपनी के संचालक हैं गुंजन सिंघल और विनीत जैन । इकट्‌ठा होना बंद। ईवेंट बंद। बिजनेस ठप। अब क्या? वही, आपदा को अवसर में बदला। जयपुर के गुंजन सिंघल और विनीत जैन के पास ईवेंट मैनेजमेंट में काम आने वाले वाहन हैं। उनको मॉडिफाई किया। नया रूप दिया और शुरू हो गए।
गुंजन ने बताया, दो-तीन दिन सोचने में वक्त बिताया। ऐसा क्या है जो आज के वक्त में लोगों की सबसे ज्यादा जरूरत का हो सकता है? उस जरूरत की पूर्ति उसे कैसे की जा सकती है? घर में बंद व्यक्ति कैसे उसका फायदा ले सकता है? इस तरह के तमाम प्रश्न जेहन में आए। उन्हें कागज पर नोट किया। फिर उत्तर की खोज में लगा। खोजते-खोजते तमाम और प्रश्न खड़े होते गए, उत्तर भी मिलते गए। प्रश्नों में भी कुछ उत्तर छिपे थे। फिर एक नाम जुबान पर आ गया। सेवा। यानी सेवा भी और बिजनेस भी। सेवा का दायरा क्या होगा- जयपुर। तो नाम मिला सेवा जयपुर।

सब्जी ही सही

अवसर खोजते खोजते पता चला कि प्रतिदिन महिलाओं को सब्जी की रोज आवश्यकता होती है। उसके बिना काम नहीं चल सकता। बाकी चीजें अनदेखी हो सकती है परंतु सब्जी बेहद जरूरी। क्या, अब सब्जी बेचने की नौबत आ गई? ये सवाल आया। उत्तर भी मिला- जब इतने बड़े बिजनेसमैन अंबानी रिलायंस फ्रेश में सब्जी बेच सकते हैं तो हम क्यों नहीं। तरीका ही तो बदलना है। बदल दिया। तब ही सोच लिया कि इसे आगे कैसे बढ़ाना है।

सबी से आगे क्या?

विनीत जैन ने बताया कि हमने इस सेवा मैं पूर्ण रूप से आर्गेनिक सबिज्या और जो जगह सर्वाधिक स्वच्छ और लोकप्रिय है उनको चुना है सब्जी खरीदी सीधे चौमूं के किसान से और आर्गेनिक फार्म से ... माना जाता है जयपुर में यहां की सब्जी सबसे अच्छी होती है। एक किसान और एक उपभोक्ता तक सब्जी ले जाने वाला व्यक्ति। और कोई हाथ नहीं। यानी वायरस से सुरक्षित रखने की कवायद। आज के ऑर्डर की सप्लाई अगले दिन नियत समयांतराल में। फिर सब्जी ही नहीं, हर घर की हर जरूरत की चीजें भी शुरू हो गईं। मास्क, सेनेटाइजर, आटा, सूझी, मैदा, दाल, चावल और तमाम वे सब जो रोज की जरूरत हैं या यों कहें कि लंबे लॉकडाउन के बाद उनकी खरीद की कमी घराें में अखरने लगी थी। यह सब पता चला अपने ही परिवार से। जो मेरे परिवार के लिए जरूरी महसूस हो रहा था कमोबेश हर परिवार को वही दिक्कत आ रही होगी। इसे ही आगे बिजनेस में काम लिया।

सेवा जयपुर ने दो दिन में एक गाड़ी से शुरुआत की। फिर रोज एक गाड़ी हुई। फिर तीन गाड़ियों को लगाना पड़ा। फिर राउंड बढ़ते गए ....बस अब तो लगता है यह बड़ा अवसर है। त्रासदी में मिले अवसर से सेवा भी और बिजनेस भी।

विनीत जैन ने बताया कि हम जयपुर के प्रतेयक परिवार को सबसे स्वच्छ और सबसे बढ़िया बेस्ट कीमत पे उनके घर के दरवाजे तक पहुंचना चाहते है
आज हमारी इस मुहीम से जयपुर के बडे -बड़े व्यपारिक संस्थाए एसोसिएट होकर जयपुर की सेवा करने को तैयार है .

आवश्यकता : यहां बिजनेस के लिहाज से समझने की जरूरत यह है कि जरूरत के हिसाब से बिजनेस खड़ा करने के लिए हर उस आवश्यकता को पहचानकर उसे अपने स्तर का बनाना चाहिए। काम कोई भी छोटा या बड़ा नहीं होता। काम को अपने लेवल का बनाना यही आपकी काबीलियत है। उसे किस तरह करना है और लोगों को उस काम के प्रति कैसे सम्मान पैदा करना है। बड़े-बड़े घर की महिलाएं पहले सब्जी मंडी नहीं जाती थीं। आज वे सब्जी लेने मॉल्स में खुद जाती हैं। बस इसे ही समझना होगा।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.