मई में दिल्ली में शुक्रवार को दूसरी बार भूकंप के झटके महसूस किये गए हैं। हालांकि, इसकी तीव्रता काम थी जिससे लोगों को इनका अहसास नहीं हुआ। इनकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर २.२ बताई गयी है और इनका केंद्र दिल्ली का पीतमपुरा का क्षेत्र था। यह झटके ११.२८ बजे महसूस किये गए।
इससे पहले अप्रैल में भी लगातार दो दिन भूकंप के झटके दिल्ली में महसूस किये गए थे। उनका केंद्र भी दिल्ली ही था। इससे लोगों में चिंता भी पसर रही है। भूकंप में किसी जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है। इतनी काम तीव्रता के भूकंप को खतरनाक की श्रेणी में नहीं माना जाता है।
याद रहे १० मई को भी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए थे। उस दिन दिल्ली में आंधी-तूफान भी आया था। तब इन झटकों की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर ३.५ मापी गई थी। कोरोना संकट के बाद लॉकडाउन के दौरान दिल्ली में चौथी बार भूकंप के झटके महसूस किये गए हैं। पहले दिल्ली में अप्रैल में लगातार दो दिन भूकंप के झटके लगे थे।
NCS के हेड (ऑपरेशंस) जे एल गौतम ने टीओआई को बताया था कि पहले वाले दोनों भूकंप (12-13 अप्रैल) फॉल्ट-लाइन प्रेशर की वजह से आए, ऐसा नहीं लगता। उन्होंने कहा, "इन लोकल और कम तीव्रता वाले भूकंपों के लिए, फॉल्ट लाइन की जरूरत नहीं है। धरातल के नीचे छोटे-मोटे एडजस्टमेंट्स होते रहते हैं और इससे कभी-कभी झटके महसूस होते हैं। बड़े भूकंप फॉल्ट लाइन के किनारे आते हैं।"
रिस्क जोन में है दिल्ली
भूकंप के मामले में दिल्ली बेहद संवेदनशील है। भूवैज्ञानिकों ने दिल्ली और इसके आसपास के इलाके को जोन-4 में रखा है। यहां 7.9 तीव्रता तक का भूकंप आ सकता है। दिल्ली में भूकंप की आशंका वाले इलाकों में यमुना तट के करीबी इलाके, पूर्वी दिल्ली, शाहदरा, मयूर विहार, लक्ष्मी नगर और गुड़गांव, रेवाड़ी तथा नोएडा के नजदीकी इलाके शामिल हैं।

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.